रोहित कुमार सिंह
राहुल ने संसद में मुंह खोला तो कांग्रेस की आधिकारिक टिप्पणी देश को मिल गयी. जिस लच्छेदार तरीके सेराहुल ने लोकपाल के मुददे को किनारा करने की कोशिश की, उससे साफ है कि कल प्रधानमंत्री ने देश की संसद में झूठा बयान देकर देश को गुमराह किया था. राहुल का यह कहना कि लोकपाल से भी भ्रष्टाचार नहीं रूकेगा, यह स्पष्ट करता है कि कांग्रेस की समय लेकर बडे से बडे मुददे को रसातल में डालने की नीति खत्म नहीं होनेवाली है.
राहुल का पूरा बयान देखें
लोकपाल बिल के मुद्दे पर कांग्रेस के महासचिव राहुल गांधी ने शुक्रवार को पहली बार अपनी राय सार्वजनिक तौर पर जाहिर की। लोकसभा में शून्य काल में इस मुद्दे पर बोलते हुए राहुल ने अन्ना के आंदोलन पर निशाना साधा। राहुल ने कहा, भ्रष्टाचार से लड़ना आसान नहीं है। प्रभावी लोकपाल भ्रष्टाचार से निपटने के लिए सिर्फ एक हथियार भर है। सिर्फ इसी कानून से भ्रष्टाचार नहीं मिटेगा। मैं चाहता हूं कि चुनाव आयोग की तरह लोकपाल को संवैधानिक संस्था बनाया जाए। मेरे खयाल से लोकपाल भी भ्रष्ट हो सकता है।मैं चाहता हूं कि भ्रष्टाचार पर बहस का स्तर और ऊपर उठा दिया जाए।'
अन्ना के आंदोलन परकहा कि इस तरह के विरोध प्रदर्शन से खतरनाक परंपरा की शुरुआत होगी जो हमारी संसदीय प्रणाली को कमजोर करेगा। भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए नियम कानून जरूरी हैं। लोकसभा से निकलने के बाद संसद परिसर में जब राहुल गांधी से पूछा गया कि आप इतने दिन इस मुद्दे पर क्यों चुप थे? तो उन्होंने जवाब दिया कि मैं सोच समझकर बोलता हूं।
अन्ना के आंदोलन परकहा कि इस तरह के विरोध प्रदर्शन से खतरनाक परंपरा की शुरुआत होगी जो हमारी संसदीय प्रणाली को कमजोर करेगा। भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए नियम कानून जरूरी हैं। लोकसभा से निकलने के बाद संसद परिसर में जब राहुल गांधी से पूछा गया कि आप इतने दिन इस मुद्दे पर क्यों चुप थे? तो उन्होंने जवाब दिया कि मैं सोच समझकर बोलता हूं।
अगर यह राहुल की सोच -समझ कर कही गयी बात है तो यह अंदाजा लगाने लायक है कि राहुल की सोच का स्तर क्या है. राहुल को यह मानना होगा कि कम से कम कांग्रेस या स्वयं उनका जो स्टैंड है उससे भ्रष्टाचार का बाल भी बांका नहीं होगा.
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