रविवार, 28 सितंबर 2008

इस्लाम को देश ने दिया

भारत एक धरम निरपेछ देश है । पर यहाँ महान नेताओ के कारन मुसलमानों को हर चीज़ जरुरत से जायदा दे दी गई है । कई मौके आए जब कोर्ट को फैसले को लात मार कर उन्हें खुस किया गया है । इस देश मे मुसलमानों को सब कुछ हासिल है । इस देश ने उन्हें पर्सनल ला तक दिया है । देश की हर चीज़ उनके लिए भी सामान है , फिर भी उन्हें इस देश से लगाब हो ऐसा दीखता नही है । मै यह कभी नही कहता की सभी मुस्लमान आतंकबादी है , पर मेरे यह कहने की भी कोई बजह नही है की वे आतंकबादी नही है । आतंकबादी का सपोर्ट येही तो साबित करता है । यहाँ के मुसलमानों को यह सोचना होगा की किसकी खुसी मे उनकी खुसी है । अब समय आ गया है की वो देश को बताये की भारत के विकास मे उनका क्या योगदान है ।

शनिवार, 27 सितंबर 2008

इस्लाम ने भारत को क्या दिया

देश की आज़ादी के ६० साल बीत जाने के बाद अगर पूछा जाए की सम्मान निये कलाम साहब को छोड़ कर देश को इस्लाम ने क्या दिया , तो जवाब होगा की
१ ) आतंकबाद
२) देश द्र्रोह
३) अविश्वास
४) पाकिस्तान भक्ति
५) बम धमाके

गुरुवार, 25 सितंबर 2008

गोधरा का सच सामने आया


२५ सितम्बर को नानावटी कमीसन की रिपोर्ट आने के बाद यह तय हो गया की गोधरा मे साबरमती एक्सप्रेस मे रामसेवक जलाये गए थे । पहले के कार्यक्रम के अनुसार मुस्लिमो ने रामसेवक को जला कर मार डाला । लेकिन जब इस पर राजनीती सुरु हुए तो कहा गया की आग अन्दर से लगाई गई थी । मुस्लिम वोट के भूखे लालू यादव ने रेलवे के माध्यम से एक आयोग बनाया जिसने बहुत कम समय मे चमचे की तरह ऐसे रिपोर्ट पेश की जिसकी बाते किसी के गले नही उतरी । उसने कहा की आग अन्दर से लगाई गई थी । नानावटी आयोग की रिपोर्ट के बाद देश को यह जान लेना चाहिये की वोट के लिए हिदू समुदाय के ही नेता इसे बेचने मे कोई कसर नही छोड़ते है । मामले मे नरेन्द्र मोदी फिर विजई बन कर सामने आए है ।

बुधवार, 24 सितंबर 2008

पासवान और लालू कैसे नेता

रामविलास पासवान और लालू यादव कैसे नेता है , इसकी बानगी देखे । लालू यादव द्वारा सिमी का सपोर्ट किए जाने के कुछ दिन बाद जब उन्होंने गिरह्मंत्री शिवराज पाटिल का इस्तीफा मागा तो सोनिया गाँधी ने उन्हें औकात याद दिलाते हुए कहा की आतंकबादी का सपोर्ट और होम मिनीस्टर का विरोध एक साथ नही चलेगा । इसके बाद वो ( लालू ) लोगो से मुह चुराते फिर रहे है । दुसरे नेता है रामविलास पासवान , जिन्होंने कहा है बांग्लादेसी घुसपैठियो को नागरिकता दी जाए । पुरे देश को मालूम है की ढाई करोड़ घुसपैठियो द्वरा देश मे आतंकबाद , जाली नोट के कारोबार को बढावा दिया जा रहा है । ऐसे नेता का सपोर्ट करना देश द्रोह के सामान है ।

शनिवार, 20 सितंबर 2008

मुस्लमान और मीडिया

दिल्ली ब्लास्ट के मुजरिमों को पकड़ने गई पुलिस सफल तो रही लेकिन चर्चित इंसपेक्टर मोहन चंद्र शर्मा सहीद हो गए। इस घटना मे दो आतंकबादी भी मारे गए । जब मीडिया उन आतंकबादी के गाव पहुची तो उन्हें बंदक बनाया गया और कहा गया की मीडिया मुसलमानों को आतंकबादी बताती है । अब सवाल उनसे जो यह कहते है की मुसलमानों को आतंकबादी बताया जा रहा है । उन्हें बताना चाहिये की अगर वे आतंकबादी नही थे तो मोहन शर्मा को गोली किसने मारी । हजारो लोगो की मौज़दगी मे ऊपर से पुलिस पर गोली किसने चलाई । वहा दो कमरों मे १२ लोग रह रहे थे , लेकिन लोकल लोगो ने पुलिस को सहयोग नही किया । पुलिस की करवाई का लोगो ने विरोध क्यों किया । इन बयानों और घटनाओ के माध्यम से मुस्लिम समाज क्या संदेश देना चाहता है । अगर मीडिया ने उन्हें दोसी कहा है तो उनकी गतिविधि इसके लिए दोसी है । मुसलमानों ने मीडिया को दोसी कहने से पहले यह क्यो नही याद किया की गोधरा मे उनकी गलती रहने के बाद भी उनका सहयोग किया । आज भी मीडिया इस डर से मुसलमानों के खिलाफ ख़बर नही लिखती है या दिखाती है । यह बात मै मीडिया मे रहने के कारन अच्छी तरीके से जानता हूँ । मुस्लमान अगर चाहते है की उन्हें अताक्बदी की गाली न दी जाए तो उन्हें अपना चरित्र बदलना होगा । उन्हें भारत की खुसी मे अपनी खुसी खोजनी होगी , पाकिस्तान की जगह उन्हें भारत की जय कहना सीखना होगा ।

मंगलवार, 16 सितंबर 2008

कपड़े बदल कर आतंकबाद से लडाई


दिल्ली बम धमाको के दिन हमारे होम मिनिस्टर शिवराज पाटिल ने तिन बार कपड़े बदले थे । यह उनके आतंकबाद से लड़ने का तरीका था । क्या यह शर्म की बात नही है की लोगो के मरने के दौरान होम मिनिस्टर शिवराज पाटिल कपड़े और जूतों के चयन मे उलझे रहे, जबकि उन्हें दर्द बाटने के लिए आगे आना चाहिये था । दरअसल आतंक से लड़ने का काग्रेस का तरीका भी कुछ ऐसा ही है । कांग्रेस आतंकबाद के साथ अपना फ़ायदा देख कर लड़ती है । जब आतंकियो पर करवाई के लिए जनता कहती है तो वो कहती है ऐसा करने से मुस्लिम नाराज हो जायेगे । सिमी और अफजल पर करवाई नही होगी क्योंकि वोट बैंक ख़राब हो जाएगा । मेरी कांग्रेस, मनमोहन और सोनिया से अपील है की आप अपने खातिर देश का बंटाधार न करे । आपने बहुत कर ली देश सेवा , अब आप माफ़ कर दे । या वोट बैंक की राजनीती के लिए देश से माफ़ी मांगे । आप यह भी कर सकते है की नरेन्द्र मोदी से टुइशन ले ले की कैसे आतंकबाद से लड़ा जाता है ।

सोमवार, 15 सितंबर 2008

आतंकबाद से कैसे लड़ रही है कांग्रेस

दिल्ली आतंकबादी हमलो का शिकार बनी और ३० लोगो को अपनी जान गवानी पड़ी । इस घटना के बाद सिमी की सुभ चिन्तक कांग्रेस की पर्तिक्रिया वोही पुरानी रही । लगता है वोट की लालची कांग्रेस देश को डूबा कर ही दम लेगी । आश्चर्य की बात यह है की इस घटना मे सिमी के ही शामिल होने की बात सामने आ रही है । कुछ ही दिन बीते है जब मनमोहन के दो सिपासालारो लालू यादव और रामविलास पासवान ने सिमी का साथ देते हुए कहा था की उस पर से पर्तिबंध हटाया जाना चाहिये । जब तक देश मे कांग्रेस , लालू , रामविलास, मुलायम जैसे लोग रहेंगे , देश मे धमाके होते रहेंंगे ।

शनिवार, 13 सितंबर 2008

धमाके दर धमाके इस्लामी आतंकबाद

१३ सितम्बर देश के दिल दिल्ली के लिए मनहूस रही । आतंकियो ने दिल्ली को निशाना बनाया और लासो की लाइन लग गई । इन धमाको मे फिर इस्लामी आतंकियो के हाथ की बात सामने आई है .

गुरुवार, 11 सितंबर 2008

११ सितम्बर और १३ दिसम्बर



आतंक से पीड़ित देशो के लिए ११ सितम्बर और १३ दिसम्बर पीडादायक है । ११ सितम्बर को महासक्ति अमेरिका को निशाना बना कर इस्लामी आतंकियो ने विश्व को हिला दिया था । वैसे ही १३ दिसम्बर को भारत की संसद पर पाकिस्तान पोषित आतंकियो ने हमला कर भारत को ललकारा था । अब बात करे करवाई की । ११ सितम्बर के बदले अमरीका इराक , अफगानिस्तान को बर्बाद कर चुका है । उसका अगला निशाना पाकिस्तान है । वही संसद पर हमले का आरोपित भारत की जेल मे मेहमान बन कर रोटी तोड़ रहा है । आप जानते है ऐसा क्यों हो रहा है , क्योंकि अफजल मुस्लिम है और कांग्रेस की निति है - देश चाहे भाड़ मे जाए उसका वोट बैंक ख़राब नही होना चाहिये । येही फर्क है ११ सितम्बर और १३ दिसम्बर मे ।

मुस्लमान क्यों भरोसे के काबिल नही है

भारत मे कहा जाता है मुस्लमान भरोसे के काबिल नही है । यह कड़वी किंतु घिनौनी सचाई है । हमारे देश के बुधिजीबी ऐसा नही मानते है । उनका कहना होता है की हमारे देश मे पाकिस्तान से जायदा मुस्लमान रहते है । वे हमारे विकास मे बराबर के भागीदार है । उन्हें देशभक्ति के लिए परमानपत्र की जरुरत नही है । बुधिजीबी लोगो का यह कहना सही है की हमारे देश मे पाकिस्तान से जायदा मुस्लमान रहते है , पर उंनका यह कहना ग़लत है उनकी नियत पर सक नही किया जा सकता है । आज़ादी के बाद देश मे हजारो ऐसे अवसर आए है , जब उनका चरित्र संदेह के घेरे मे रहा है । अमरनाथ जमीन आन्दोलन के विरोध मे हुए कश्मीर आन्दोलन मे पाकिस्तान के झंडे लहराए गए । क्या है यह । देश मे कही भी बम बिस्फोट होते है तो मामले मे मुस्लमान ही पकड़े जाते है । इसे क्या माना जन चाहिये । भारत उन्हें सबकुछ देता है पर वे अपनी देशभक्ति भारत को नही देते है । यह शर्म की बात है ।

मंगलवार, 9 सितंबर 2008

सिमी के शुभचिंतको को क्या कहा जाए

कुछ दिन हुए जब कोर्ट ने सिमी पर लगाये गए पर्तिबध को जारी रखने का आदेश दिया । पर इसके विरोध मे सिमी के इतने रहनुमा नेता सामने आ गए । लालू यादव , रामविलास पासवान , मुलायम यादव , अमर सिंह जैसे नेता इस तरह पेश आए मानो वो इस देश के नही पाकिस्तान के वासिदे हो । वे लोग मांग करने लगे की आरएसएस पर भी पर्तिबंध लगे । मुस्लिम वोट के अंधे नेता ये भूल गए की देशभक्त और देशद्रोही संगठन मे अंतर होता है । सिमी बम ब्लास्ट से लेकर देश बाटने की कोसिस मे सामिल रहनेवाला सगठन है , इसे देश का बच्चा - बच्चा जनता है । शर्म की बात यह है की लालू और पासवान देश के कैबिनेट मंत्री है । ऐसे मे सिमी के शुभ चिंतको को क्या कहा जा सकता है , लोगो को ख़ुद ही फ़ैसला करना चाहिये ।

सोमवार, 8 सितंबर 2008

नरेंद्र मोदी क्यों बन सकते है पीअम

नरेंद्र मोदी भारत के पिय्म बन सकते है क्योंकि मेरा मन्ना है की सच को सच कहने वाले को हो देश की बागडोर देनी चाहिये । कुछ लोग कहते है की उनसे मुसलमानों को खतरा है । पर मै ऐसा नही मानता । मेरे हिसाब से वो ऐसे नेता है जो अपना फ़र्ज़ निभाते है । तुस्टीकरण , वोट की राजनीती उनके शब्द कोष मे नही है । अगर कोई ग़लत है तो उसे ग़लत कहने के बजाये किसी और पर ग़लत होने का आरोप लगाते हुए हंगामा मचाना भारत के नेताओ की नियति बन गई है । ग़लत को ग़लत कहने वाला भारत मे एक ही मर्द है , वो है नरेंद्र मोदी

शनिवार, 6 सितंबर 2008

हिन्दुओ के लिए बेहतर परधानमंत्री कौन

साल भर के अन्दर देश मे आम चुनाव होने है । इसमे देश अपना नया परधानमंत्री चुनेगा । जाहिर है इस पद की दौड़ मे गंभीर से लेकर कॉमेडी करने वाले लोग भी सामिल है । लाल कृष्ण अडवाणी मजबूत दावेदार बन कर उभेरे है । सोनिया गाँधी भी एक नाम है । मनमोहन सिंह , लालू यादव, मायावती जैसे अनेक नाम इस दौड़ मे सामिल है । पर एक और नाम है जिससे हिन्दुओ को काफी आस है । वो नाम है नरेंदर मोदी का । पुरे भारत मे येही एक नाम है जो सच को सच कहने की हैसियत रखता है । गुजरात को मोदी ने जिस मुकाम पर पहुचा दिया है , उसकी नक़ल पुरा देश कर रहा है । ऐसे मे मोदी ही हिन्दुओ के लिए बेहतर परधानमंत्री हो सकते है । क्योंकि वो देश हित के साथ हिंदू हित की भी बात करते है ।

गुरुवार, 4 सितंबर 2008

हिंदू ही है हिंदुत्व के दुश्मन

अगर यह पूछा जाए की हिंदुत्व के सबसे बड़े दुश्मन कौन है । तो इसका सनसनीखेज जबाव यह है की कुछ सिरफिरे और लालची हिंदू ही हिंदुत्व के सबसे बड़े दुश्मन है । इनकी सख्या कम तो जरुर है लेकिन राजनीती के वे इतने बड़े खिलाड़ी है की ख़ुद के लिए वे देश को गुमराह कर देते है । इन महानुभावो मे लालू यादव , मुलायम यादव , सोनिया गाँधी जैसे नेता शामिल है । ऐसे नेता ही देश को गुमराह कर अपनी राजनीती चमकाने के लिए हिंदुत्व को रसातल मे भेज रहे है । उन्हें मुस्लिमो की चिंता तो है पर हिंदू भाड़ मे जाए, उन्हें कोई चिता नही है । हिंदू समाज को चाहिये की वे इस कैंसर और ऐड्स को समाज से निकाल फेके । शरुआत जल्द करनी होगी नही तो करने को कुछ भी नही बचेगा । क्या समाज इन सभी पहलुओ पर विचार करेगा । समाज यह कर सकता है की वो इन्हे चुनाव मे हरा दे ।

बुधवार, 3 सितंबर 2008

समझौताबादी हो गए है हिंदू

समझौताबादी हो गए है हिंदू । उनके धर्म स्थल अतिकर्मन में है । उन्हें धार्मिक कामो के लिए जमीन दुसरो से पूछ कर दी जा रही है । उनकी संस्कृति का मजाक बनाया जा रहा है । अयौध्या, काशी, मथुरा, धार, अमरनाथ सब के सब उद्धार की बाट जोह रहे है । कोई उन्हें गाली दे , उनके भगवान का मजाक बनाये, उनकी नंगी तस्वीर बनाये , कोई फर्क नही पड़ता है । साबरमती मे राम सेवक जलाये गए तो कहा गया की आग से लगाई गई थी । राम सेतु को काल्पनिक बताया गया , लेकिन वोही ठंडी परतीक्रिया आई । यह सही है की भारत मे लोक तंत्र है , पर इसका यह मतलब कहा से निकाल लिया गया की सांति का ठेका हिन्दुओ का ही है । इस तस्वीर मे ऍम अफ हुसैन ने हिन्दुओ का कैसा मजाक बनाया था , आप ख़ुद देखे । आपको याद होगा की मोहमद साहब की कार्टून बनने पर कैसा बवाल मचा था । समझौताबादी बने पर धर्म की कीमत पर नही .

सोमवार, 1 सितंबर 2008

अमरनाथ मामले मे सच जीता


अमरनाथ मामले मे सच जीता, ऐसा अब कहा जा सकता है । अमरनाथ बोर्ड को जमीन दिया जाना भारत मे हिन्दुओ के इतिहास का गोल्डन फ़ैसला है । यह अब तय हो गया है की इस मामले मे नेता लोग मुस्लिम वोट की राजनीती कर रहे थे । इस फैसले से यह साबित हो गया है की हमेसा काठ की हांडी आग पर नही चढ़ सकती है । वोट के सौदागर इसे समझ ले ।

अयौध्या विवाद का क्या हल हो सकता है


अयौध्या हिदुओ के लिए वैसे ही है जैसा की मुस्लिमो के लिए मक्का । अफ़सोस इस बात का है की भारत के नेता लोगो ने इसे विवाद का केंद्र बना दिया है । विवाद की सरेनी में काशी, मथुरा भी शामिल कर दिए गए है । यानि हिदुओ का कोई धार्मिक स्थल विवाद से नही बचा है । यह तब है जब हिन्दुओ की आबादी ७५ परसेंट है । हिन्दुओ के सभी धार्मिक स्थल मुस्लिम अतिकर्मन के शिकार है । इतिहास भी इसका गवाह है । पर वोट और तुस्तीकरण के चक्कर मे सब गड़बड़ कर दिया गया है । यह नेशनल शर्म की बात है । इस बात को मुस्लिम भी जानते है । अब सवाल यह है की अयौध्या हिन्दुओ को कैसे बापस मिल सकता है । ब्लॉग के पाठक इसपर अपनी राय लिखे । साथ मे आप यह भी बताये की क्या मुस्लिमो को इन तीनो जगहों से अपना दावा हटा लेना चाहिये की नही ।