शनिवार, 5 दिसंबर 2009

देखते-देखते ढहा दी गई थी बाबरी मस्जिद
















छह दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद ढहाई थी मस्जिद की जगह भगवान राम के मंदिर को लेकर शुरू हुए आंदोलन का सबसे अधिक फायदा भाजपा को मिला और वह सत्ता में आई। लेकिन, बाद में भाजपा अपने मूल मुद्दे से पीछे हट गई और राम मंदिर निर्माण को हाशिए पर डाल दिया। बाबरी मस्जिद गिराने के लिए जिम्मेदार कांग्रेस थी। क्योंकि उस वक्त केंद्र की सत्ता में कांग्रेस की सरकार थी और उसने मस्जिद को बचाने का कोई खास प्रयास नहीं किया। पेश है कि बाबरी मस्जिद को ढहाने जाने की कुछ तस्वीरें

विवादित ढाचे की वरसी

अयोध्‍या में राम जन्‍मभूमि का इतिहास कई सदी पुराना है। उत्‍तर प्रदेश के अयोध्‍या का विवाद देश के हिंदू और मुस्लिम, दोनों समुदाय के बीच तनाव का सबसे बड़ा कारण है। इसी के साथ देश की राजनीति को को भी प्रभावित करता रहा है। भाजपा, आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद जैसे भगवा संगठन इस विवादास्पद स्थल पर मंदिर बनाना चाहती है, जहाँ पहले मस्जिद थी. जानिए की समय का पहिया कैसे-कैसे चला और इसी के साथ भारतीय राजनीति के साथ भारतीय समुदाय में भी क्‍या क्‍या बदलाव आया। बात पांच सौ साल से भी अधिक पुरानी है। जब अयोध्या में एक मस्जिद का निर्माण किया गया लेकिन कुछ हिंदूओं को कहना था कि इसी जमीन पर भगवान राम का जन्‍म हुआ था। यह मस्जिद बाबर ने बनवाई थी जिसके कारण इसे बाबरी मस्जिद कहा जाने लगा। लेकिन कई इतिहासकारों का मानना है कि बाबर कभी अयोध्‍या गया ही नहीं।1853 : मस्जिद के निर्माण के करीब तीन सौ साल बाद पहली बार इस स्‍थान के पास दंगे हुए।1859 : ब्रिटिश सरकार ने विवादित स्थल पर बाड़ लगा दी और परिसर के भीतरी हिस्से में मुसलमानों को और बाहरी हिस्से में हिंदुओं को प्रार्थना करने की इजाजत दी।1949 : भगवान राम की मूर्तियां कथित तौर पर मस्जिद में पाई गयीं। माना जाता है कि कुछ हिंदूओं ने ये मूर्तियां वहां रखवाईं थीं। मुसलमानों ने इस पर विरोध व्यक्त किया। जिसके बाद मामला कोर्ट में गया। जिसके बाद सरकार ने स्थल को विवादित घोषित करके ताला लगा दिया।1984 : विश्व हिंदू परिषद ने इस विवादित स्‍थल पर राम मंदिर का निर्माण करने के लिए एक समिति का गठन किया। जिसका नेतृत्व बाद में भाजपा के के नेता लालकृष्ण आडवाणी ने किया।1992 : भाजपा, विश्व हिंदू परिषद और शिव सेना के कार्यकर्ताओं ने 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद को तोड़ दिया। जिसके बाद पूरे देश में हिंदू और मुसलमानों के बीच दंगे भड़क उठे। दो हजार से भी अधिक लोगों की इसमें जान गई।2001 : बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर पूरे देश में तनाव बढ़ गया और जिसके बाद विश्व हिंदू परिषद ने विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण करने के अपना संकल्प दोहराया।फ़रवरी 2002 : भाजपा की अपनी गलती का अहसास। भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में राम मंदिर निर्माण के मुद्दे को शामिल करने से इनकार कर दिया। विश्व हिंदू परिषद ने 15 मार्च से राम मंदिर निर्माण कार्य शुरु करने की घोषणा कर दी. सैकड़ों हिंदू कार्यकर्ता अयोध्या में इकठ्ठा हुए. अयोध्या से लौट रहे हिंदू कार्यकर्ता जिस रेलगाड़ी में यात्रा कर रहे थे उस पर गोधरा में हुए हमले में 58 कार्यकर्ता मारे गए.13 मार्च, 2002 : सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फ़ैसले में कहा कि अयोध्या में यथास्थिति बरक़रार रखी जाएगी और किसी को भी सरकार द्वारा अधिग्रहीत ज़मीन पर शिलापूजन की अनुमति नहीं होगी. केंद्र सरकार ने कहा कि अदालत के फ़ैसले का पालन किया जाएगा.15 मार्च, 2002 : विश्व हिंदू परिषद और केंद्र सरकार के बीच इस बात को लेकर समझौता हुआ कि विहिप के नेता सरकार को मंदिर परिसर से बाहर शिलाएं सौंपेंगे. रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत परमहंस रामचंद्र दास और विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक सिंघल के नेतृत्व में लगभग आठ सौ कार्यकर्ताओं ने सरकारी अधिकारी को अखाड़े में शिलाएं सौंपीं।22 जून, 2002 : विश्व हिंदू परिषद ने मंदिर निर्माण के लिए विवादित भूमि के हस्तांतरण की माँग उठाई।जनवरी 2003 : रेडियो तरंगों के ज़रिए ये पता लगाने की कोशिश की गई कि क्या विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद परिसर के नीचे किसी प्राचीन इमारत के अवशेष दबे हैं, कोई पक्का निष्कर्ष नहीं निकला।मार्च 2003 : केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से विवादित स्थल पर पूजापाठ की अनुमति देने का अनुरोध किया जिसे ठुकरा दिया गया।अप्रैल 2003 : इलाहाबाद हाइकोर्ट के निर्देश पर पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग ने विवादित स्थल की खुदाई शुरू की, जून महीने तक खुदाई चलने के बाद आई रिपोर्ट में कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकला।मई 2003 : सीबीआई ने 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिराए जाने के मामले में उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी सहित आठ लोगों के ख़िलाफ पूरक आरोपपत्र दाखिल किए।जून 2003 : काँची पीठ के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती ने मामले को सुलझाने के लिए मध्यस्थता की और उम्मीद जताई कि जुलाई तक अयोध्या मुद्दे का हल निश्चित रूप से निकाल लिया जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।अगस्त 2003 : भाजपा नेता और उप प्रधानमंत्री ने विहिप के इस अनुरोध को ठुकराया कि राम मंदिर बनाने के लिए विशेष विधेयक लाया जाए।अप्रैल 2004 : आडवाणी ने अयोध्या में अस्थायी राममंदिर में पूजा की और कहा कि मंदिर का निर्माण ज़रूर किया जाएगा।जनवरी 2005 : लालकृष्ण आडवाणी को अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद के विध्वंस में उनकी भूमिका के मामले में अदालत में तलब किया गया।जुलाई 2005 : पाँच हथियारबंद आतंकवादियों ने विवादित परिसर पर हमला किया। इसमें पाँचों समेत सहित छह लोग मारे गए।28 जुलाई 2005 : लालकृष्ण आडवाणी 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में रायबरेली की अदालत में पेश। अदालत में लालकृष्ण आडवाणी के ख़िलाफ़ आरोप तय। 20 अप्रैल 2006 : यूपीए सरकार ने लिब्रहान आयोग के समक्ष लिखित बयान में आरोप लगाया कि बाबरी मस्जिद को ढहाया जाना सुनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा था और इसमें भाजपा, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, बजरंग दल और शिव सेना के शामिल।.जुलाई 2006 : सरकार ने अयोध्या में विवादित स्थल पर बने अस्थाई राम मंदिर की सुरक्षा के लिए बुलेटप्रूफ़ काँच का घेरा बनाए जाने का प्रस्ताव किया. मुस्लिम समुदाय ने विरोध किया।30 जून 2009 : बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले की जाँच के लिए गठित लिब्रहान आयोग ने 17 वर्षों के बाद अपनी रिपोर्ट प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सौंपी।23 नवंबर 2009 : एक अंग्रेजी अखबार में आयोग की रिपोर्ट लीक, संसद में हंगामा।
रिपोर्ट दैनिक भास्कर पर आधारित

मंगलवार, 1 दिसंबर 2009

लिब्रहान रिपोर्ट की सियासत

'राम मंदिर पर अपना मुंह बंद रखें आडवाणी'
बाबरी मस्जिद विध्वंस की जांच संबंधी लिबरहान आयोग की रिपोर्ट को तथ्य से परे बताते हुए विश्व
हिंदू परिषद (वीएचपी) ने कहा कि इस मामले पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को प्रतिकूल टिप्पणी करने से मना किया जाएगा। वीएचपी ने रिपोर्ट पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का नाम शामिल होने पर कुछ भी कहने से इनकार किया। हालांकि संगठन ने इस बात को स्वीकार किया कि वाजपेयी मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे थे। वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आशोक सिंघल ने कहा सामाजिक सद्भाव कायम करने के लिए मुस्लिम समाज को आयोध्या, काशी और मथुरा के हिंदू धर्मस्थलों पर अपना दावा छोड़ देना चाहिए। साथ ही केंद्र सरकार को कानून बना कर राम जन्मभूमि स्थल पर मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करना चाहिए। जैसा सोमनाथ मंदिर की स्थापना के लिए जवाहरलाल नेहरू मंत्रिमंडल के समय सरदार पटेल के नेतृत्व में किया गया था।
हमें बाबरी मस्जिद ढहने का दुख नहीं: संघ
लिबरहान आयोग की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए आरएसएस प्रवक्ता राम माधव ने स्पष्ट तौर पर कहा कि हमें विवादित ढांचे के ढहने का कोई दुख नहीं है। यह पूछे जाने पर ही ढांचा गिराने की जिम्मेदारी संगठन स्पष्ट तौर पर क्यों नहीं ले रहा है , तो उन्होंने हमेशा की तरह घुमावदार बात कहते हुए कहा कि यह जनआंदोलन था और हम कारसेवकों की भावनाओं की कद्र करते हैं। उस दिन जो हुआ वह अनायास था , कोई तयशुदा काम नहीं था। इसके लिए कोई भी दोषी नहीं है। यहां गौर करने वाल बात है कि सोमवार को बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने बाबरी ढांचे के गिरने को दुखद बताया था, वहीं संघ इस काम के लिए जरा भी दुख व्यक्त न करते हुए, उससे उलट बात कह रहा है।
कांग्रेस ने माना राव रहे थे नाकाम
कांग्रेस ने स्वीकार किया है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिंह राव बाबरी मस्जिद की सुरक्षा करने में नाकामयाब रहे थे। हालांकि कांग्रेस ने यह नहीं माना कि राव मस्जिद गिराए जाने की साजिश में शामिल थे। लिबरहान आयोग की रिपोर्ट पर तीखे सवालों से घिरे कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. शकील अहमद ने कहा कि मस्जिद गिरने के बाद जनता द्वारा तीखी आलोचना के बाद कांग्रेस ने 1998 के लोकसभा चुनाव में राव को टिकट देने से इनकार कर दिया था। गौरतलब है कि लिबरहान कमिशन ने राव को दिन में सपने देखने वाला प्रधानमंत्री तो बताया मगर उन्हें मस्जिद गिराए जाने का दोषी नहीं बताया। कांग्रेस ने कहा कि पार्टी दो बार मस्जिद गिराए जाने के लिए माफी मांग चुकी है। पहली बार तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष केसरी और फिर सोनिया गांधी ने माफी मांगी। कांग्रेस ने कहा कि राव प्रत्यक्ष दोषी नहीं थे।
वाजपेयी दोषी नहीं है: जस्टिस लिबरहान
जस्टिस लिबरहान ने कहा है कि उनकी रिपोर्ट में अटल बिहारी वाजपेयी को दोषी नहीं ठहराया गया है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में वाजपेयी का नाम आया जरूर है, पर इसका मतलब यह नहीं है कि रिपोर्ट ने उन्हें दोषी माना है। जस्टिस लिबरहान ने कहा है कि रिपोर्ट को सही संदर्भ में पढ़ने की जरूरत है। जब वाजपेयी को कमिशन के सामने पेश होने के लिए बुलाया ही नहीं गया, तो उनको कैसे दोषी ठहराया दिया गया? इस पर जस्टिस लिबरहान ने कहा, 'मैंने वाजपेयी को अपनी रिपोर्ट में दोषी नहीं ठहराया है।' उन्होंने कहा, 'कृपया रिपोर्ट को सही संदर्भ में पढ़िए उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे रिपोर्ट का मनगढ़ंत अर्थ न निकालें।
लिबरहान आयोग की रिपोर्ट संसद में पेश
लोकसभा में मंगलवार को लिबरहान आयोग की रिपोर्ट लोकसभा में पेश की गई। यह रिपोर्ट 2 बजे राज्यसभा में भी पेश की जानी चाहिए। लोकसभा में यह रिपोर्ट होम मिनिस्टर पी. चिदंबरम ने पेश की । रिपोर्ट अंग्रेजी में पेश की गई। रिपोर्ट में बहस बाद में की जाएगी, लेकिन विपक्ष ने तुरंत बहस की मांग की। इससे पहले वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता में मंगलवार सुबह बुलाई गई केंद्रीय मंत्रिमंडल की आपात बैठक में लिबरहान आयोग की जांच रिपोर्ट संसद में पेश किए जाने के मसले पर चर्चा हुई। लिबरहान आयोग का गठन 1992 में अयोध्या में विवादित ढांचे के विध्वंस के मामले की जांच के लिए किया गया था। बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले की जांच कर रहे लिबरहान आयोग की रिपोर्ट 17 साल बाद मंगलवार को संसद में पेश हुई। संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल ने लोकसभा की बैठक शुरू होने पर सूचित किया कि गृह मंत्री प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद दोपहर 12 बजे लिबरहान आयोग की रिपोर्ट सदन में पेश करेंगे। सदन की बैठक शुरू होते ही बीजेपी संसदीय दल की उपनेता सुषमा स्वराज ने यह मामला उठाया और कहा कि कल एक अखबार में प्रकाशित होने के बाद आज सभी अखबारों में यह रिपोर्ट छपी है और संसद में उसे पेश नहीं किया जाना दुर्भाग्यापूर्ण है। इस पर बंसल ने रिपोर्ट को दोपहर 12 बजे पेश किए जाने की सूचना दी। साथ ही अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा कि वह इस मुद्दे पर सदस्यों को अपनी बात भी रखने की अनुमति देंगी लेकिन चूंकि मामले की जांच चल रही है तो सदस्य उसी को ध्यान में रखते हुए संक्षेप में अपनी बात रखें।
[सभी रिपोर्ट media की खबरों पर आधारित ]