शनिवार, 29 नवंबर 2008

देश को माफ़ करे कांग्रेस


मुंबई की घटना के बाद यह साफ हो गया है की आतंकबाद से लड़ना उसके बस की बात नही है । लिहाजा कांग्रेस को देश को माफ़ कर सत्ता छोड़ देनी चाहिये । उसकी गलतियों के कारन देश ये दिन देखने पड़े और वीर जवानों को गवाना पड़ा । हालत यह है की सीमा के जवान देश के अन्दर सहीद हो रहे है और कांग्रेस अफजल को फासी देने के बजाये पाल रही है । कांग्रेस को कुछ तो सर्म करना चाहिये ।

गुरुवार, 27 नवंबर 2008

हमले के समय कहा थे राज ठाकरे


मुंबई में जब आतंकबादी हमले हुए तो मैंने सोचा की राज ठाकरे अपनी सेना लेकर आतंकबादी से लोहा लेने पहुच जायेंगे , लेकिन घटना के २२ घंटे बीतने के बाद भी वे मौके पर नज़र नही आए । उनकी फ्रोड सेना भी कही नही दिखी । दिखी तो हमारी भारतीय सेना , जिसने एक बड़ी करवाई चला राखी थी । राज ठाकरे समझ ले की संकट में एकता ही कम आती है । पर सवाल वही का वही है महारास्ट्र को अपने बाप की जागीर बतानेवाले वीर राज ठाकरे संकट के समय कहा थे । क्या आपने उन्हें देखा है ।

बुधवार, 26 नवंबर 2008

मुंबई धमाको को क्या कहेंगे

बुधवार की रात मुंबई के लिए कहर लेकर आई । आतंकबादी हमलो में लगवाग १०० जाने चली गई । कहा जा रहा है की यह भारत का सबसे बड़ा आतंकबादी हमला है । टीबी पर जो दिखाया जा रहा है , कम से कम वो इसकी पुस्ती करता है । इस हमले के बाद आतंकबाद पर उठा सवाल फिर वोही का वोही खड़ा दिख रहा है । सवाल है कांग्रेस और कितनी जाने लेकर अताक्बाद के खिलाफ अभियान सुरु करेगी । इस घटना में पुलिस के बड़े अधिकारियो के मारे जाने की ख़बर है । अभी कांग्रेस ने जो देश का हाल कर दिया है उसमे इससे बेहतर ख़बर की उम्मीद नही की जा सकती है । राज ठाकरे खुले आम देश को बटने की करवाई कर रहे है । कांग्रेस हिंदू आतंकबाद की बात कह रही है । बतला हाउस कांड को फर्जी बता कर सवाल खड़े किए जा रहे है । देश की राजनीती का जो हाल है उसमे तो कल यह भी कहा जा सकता है यह हिंदू आतंकबाद है ।

मंगलवार, 25 नवंबर 2008

हिंदू आतंकबाद की बात कहना ग़लत

हिंदू आतंकबाद की बात कहना ग़लत है । भगवन न करे लेकिन ऐसा अगर होगा तो फिर भारत का भगवन ही मालिक है । वोट के भूखे नेता इस ओर ध्यान देंगे ।

शनिवार, 22 नवंबर 2008

मोदी के राज में मन्दिर महफूज नही !


नरेंदर मोदी के राज में मंदिरों को तोडे जाने की ख़बर आ रही है । मन्दिर विकाश के लिए तोडे जा रहे है , ऐसा कहा जा रहा है । इससे पहले लखनोऊ में अटल बिहारी बाजपाई ने विकाश के लिए मंदिरों को हटवाया था । लेकिन बिधाता की लिखी देखिये मीडिया कह रहा है की मोदी के राज में मन्दिर महफूज नही है । यानि आप मन्दिर के साथ हो तो ग़लत , मन्दिर के साथ नही हो तो ग़लत । मंदिरों को हटाने देना हिंदू समाज की उदारता माना जाना चाहिये । इससे मुसलमानों को भी सिख लेनी चाहिये और समय के साथ बदलना चाहिये । हिंदू होने के नाते मेरा यह मानना है की मंदिरों को तोडा या हटाया जाना ग़लत है । लोगो को मन्दिर बनाने से पहले यह जरुर देख लेना चाहिये की वो सरकारी जमीन पर न बनी हो । सरकारों को भी २० वर्ष से पुरानी मंदिरों को हटाने से परहेज करना चाहिये ।

रविवार, 16 नवंबर 2008

जाच या साजिश

कुछ भी लिखने से पहले मै यह स्पस्ट कर दू की हर तरह के आतंकबाद की निंदा की जनि चाहिये । लेकिन यह भी नही होना चाहिये की जाच के नाम पर एक जाच एजेन्सी और कुछ मीडिया संगठन हिंदू आतंकबाद की बात करने लगे । जिस तेजी से मल्लेगाओ बिस्फोटो की जाच के नाम पर कुछ न्यूज़ चैनल ठेकेदार जैसा बर्ताव कर रहे है , वोह बताता है की कांग्रेस और न्यूज़ चंनेलो में समझौता के तहत काम हो रहा है । साध्वी प्रज्ञा क्या कोई भी दोसी हो , तो उस पर कड़ी करवाई होनी चाहिये । लेकिन हिन्दुओ को बदनाम करने का खेल बंद होना चाहिये ।

बुधवार, 5 नवंबर 2008

आतंकबाद की राह हिन्दुओ की नही

साध्वी प्रज्ञा सिंह मामले में कहा जा रहा है की वो जबाबी आतंकबाद की प्रतिनिधि है । हलाकि इस मामले में राजनीती हो रही है , या सच में जाच चल रही है यह कुछ दिनों में साफ हो जाएगा । जिस जबाबी आतंकबाद की बात कही जा रही है वह चिंता की बात है । अगर वास्तव में ऐसा हो रहा है तो यह अखंड भारत के हित में कदापि नही है । मै बाकियो की बात नही जनता लेकिन भारत हिन्दुओ का है और यहाँ रहनेवाले कीडे की भी रक्षा करना उनका धर्म है । उनके द्वारा आतंकबाद को बढ़वा देना कुछ ऐसा है जैसे सुध साकाहारी गौ द्वारा मांश खाना । हिंदू धर्म के लोग इस्लामी आतंकबाद की राह पर चल कर खून से अपने हाथ गंदे न करे बल्कि वैसे नेताओ को मज़ा चखाए जो वोट तो उनसे लेते है किंतु जितने के बाद बुर्के के पीछे छिप कर नज़र ही नही आते है । याद रखे खून का कारोबार हमारा नही है ।

रविवार, 2 नवंबर 2008

राज के रहते गद्दारों की क्या जरुरत है


राज ठाकरे भाषा और राज्य के नाम पर देश को बाट रहे है । वो कह रहे है की महारास्ट्र केवल मराठियो का है , यहाँ रहनेवाले बिहारियो और उत्तर भारतीयों को बापस जाना होगा । उनकी नादानी से हिंदुत्व को नुकसान हो रहा है । राज की नौटंकी से गाहे - बगाहे हिन्दुओ को ही नुकसान हो रहा है । देश जनता है की हिंदू , वोट की राजनीती के कारन कमजोर होते जा रहे है , ऐसे में राज के रहते गद्दारों की क्या जरुरत है । जो कम पाकिस्तान ६० वर्ष में नही कर सका , उसे राज ने दो वर्ष में ही कर दिखाया । अगर अखंड भारत में ही ऐसे हालत बनने लगे की एक राज्य के लोग को दुसरे राज्य के लोग पिटे तो दोष किसे दिया जा सकता है । राज ठाकरे हिन्दुओ के दुसरे जैचंद बनेगे , इसमे सक नही है ।

शनिवार, 1 नवंबर 2008

हिंदू आतंकबाद की बात ग़लत

महारास्ट्र के माले गाओ ब्लास्ट में साध्वी प्रज्ञा सिंह का नाम आ रहा है । कहा जा रहा है की हिन्दुबादी संगटन द्वारा ये ब्लास्ट कराये गई है । हलाकि अभी जाच चल रही है और कहा जा यह मुंबई पुलिस की साजिश भी हो सकती है । सचाई तो जाच के बाद पता चलेगी , लेकिन इतना तो तय अगर हिंदू आतंकबाद बास्तव में पाव पसार रहा है तो यह चिंता की बात है पुरे देश के लिए । हिंदुत्व में आतंकबाद की कोई जगह नही है , ऐसा मै मानता हूँ । साध्वी प्रज्ञा सिंह परकरण हमारे वोट के भूखे नेताओ की लिए माँ की गाली के सामान है । ऐसे नेताओ को यह समझ लेना चाहिये की अगर तुस्टीकरण की निति इस देश में ऐसे ही चलती रही तो देश की ८० पर्तिशत जनता अपने हिंदुत्व की राह को छोड़ इसी राह पर चल पड़ेगी । हमारे देश के करनधार इस पर विचार करेंगे ।