रविवार, 16 नवंबर 2008

जाच या साजिश

कुछ भी लिखने से पहले मै यह स्पस्ट कर दू की हर तरह के आतंकबाद की निंदा की जनि चाहिये । लेकिन यह भी नही होना चाहिये की जाच के नाम पर एक जाच एजेन्सी और कुछ मीडिया संगठन हिंदू आतंकबाद की बात करने लगे । जिस तेजी से मल्लेगाओ बिस्फोटो की जाच के नाम पर कुछ न्यूज़ चैनल ठेकेदार जैसा बर्ताव कर रहे है , वोह बताता है की कांग्रेस और न्यूज़ चंनेलो में समझौता के तहत काम हो रहा है । साध्वी प्रज्ञा क्या कोई भी दोसी हो , तो उस पर कड़ी करवाई होनी चाहिये । लेकिन हिन्दुओ को बदनाम करने का खेल बंद होना चाहिये ।

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