शनिवार, 22 नवंबर 2008

मोदी के राज में मन्दिर महफूज नही !


नरेंदर मोदी के राज में मंदिरों को तोडे जाने की ख़बर आ रही है । मन्दिर विकाश के लिए तोडे जा रहे है , ऐसा कहा जा रहा है । इससे पहले लखनोऊ में अटल बिहारी बाजपाई ने विकाश के लिए मंदिरों को हटवाया था । लेकिन बिधाता की लिखी देखिये मीडिया कह रहा है की मोदी के राज में मन्दिर महफूज नही है । यानि आप मन्दिर के साथ हो तो ग़लत , मन्दिर के साथ नही हो तो ग़लत । मंदिरों को हटाने देना हिंदू समाज की उदारता माना जाना चाहिये । इससे मुसलमानों को भी सिख लेनी चाहिये और समय के साथ बदलना चाहिये । हिंदू होने के नाते मेरा यह मानना है की मंदिरों को तोडा या हटाया जाना ग़लत है । लोगो को मन्दिर बनाने से पहले यह जरुर देख लेना चाहिये की वो सरकारी जमीन पर न बनी हो । सरकारों को भी २० वर्ष से पुरानी मंदिरों को हटाने से परहेज करना चाहिये ।

कोई टिप्पणी नहीं: