सोमवार, 31 अगस्त 2009

...तो यह करे बीजेपी-2

भाजपा की वर्तमान दशा का कारण है मुद्दों से भटकना । अब भाजपा के टीवी ब्रांड नेता यह मानते है की राम मन्दिर चूका हुआ मुद्दा है । इस लिहाज से वो भी वैसी ही बातें करते है , जैसी कांग्रेस के नेता करते है । इसके आलावा सेकुलर बनने की कोसिस में ऐसे नेता राम मन्दिर के मिसन को तिलांजली दे चुके है । राम मन्दिर जैसे पवित्र मिसन को ऐसे नेताओ की जमात ने मजाक बना दिया , जिसका फल यह रहा की जनता ने बीजेपी का जनाजा जुलुस निकाल दिया । भले ही कोल्लेशन पॉलिटिक्स में राम मन्दिर मुद्दे को स्तगित किया गया था , किंतु याद करे -यह मुद्दा सिद्दत के साथ जन - जन के दिल में था । भाजपा राम को छोड़ कर देख चुकी है की क्या होता है । ऐसे में राम की सरन में उसे जाने की जरुरत है । राम मन्दिर भारत की मांग है , अगर भाजपा लोगो को यह विस्वास दिलाने में कामयाब हो जाए की मन्दिर वही बना सकती है, तो उसका उत्थान तय है। बीजेपी शुन्य से सुरु करे और यह मेमो जारी करे की जो भी मन्दिर के विरोधी है बहार चले जाए । एक मिसन उसे फिर वही मुकाम दिला सकता है । भाजपा अगला काम यह करे की मन्दिर विरोधियो को पार्टी से बहार करे ।

....तो यह करे बीजेपी-1

इसमे कोई दो राय नही है की बीजेपी भयानक संकट से गुजर रही है । अगर इसके टुकड़े हुए तो इसका हाल जनता पार्टी जैसा हो जाएगा । बीजेपी में हंगामे की मूल बजह है इसके दुसरे -तीसरे दर्जे के नेताओ , जिनका कोई जनाधार नही है , की बयानबाजी । राजनाथ सिंह , सुषमा स्वराज , वैंकय्या नायडू , मुख्तार अब्बास नकवी जैसे नेताओ की नकेल कसे बिना भाजपा का कोई कल्याण नही हो सकता है । इस बीमारी का एक इलाज है की भाजपा द्वारा अपनी बात कहने के लिए एक आदमी तय किया जाए । उस आदमी के बाद कोई अपनी बात कहे तो उसे पार्टी से बहार का रास्ता दिखाया जाना चाहिये ।

रविवार, 30 अगस्त 2009

क्या हुआ भाजपा को

देश की राजनीती में बीजेपी के बारे में कहा जाता था की चाल, चरित्र और चिंतन की यह पार्टी है । येही वो पार्टी थी जिसके बारे में जनता को विस्वास था की वोट बैंक की राजनीती के दौर में यह हिंदू और हिंदुत्व की लौ जलाये रखेगी । पर अफ़सोस की आज इसके नेता गैंग वार में एक दुसरे को निबटाने में लगे है । जिन्ना की बेकार की बहस में पार्टी अपनी ताकत कुछ ऐसे जाया कर रही है, जैसे बंदर खजूर के पेड़ पर चढ़ने में करता है । देश राम मन्दिर, आतंकबाद , बांग्लादेसी घुसपैठी पर जानना चाहता है की वो क्या कर रही है । भाजपा का हर छोटा -बड़ा नेता ख़ुद को पार्टी से बड़ा बताने में लगा है , येही हाल रहा तो संघ को इसे -भाजपा -को बचाने के लिए आगे आना होगा । दरअसल , बीजेपी मुद्दों से भटक गई है और कांग्रेस की कार्बन कॉपी बनने में अपनी कमाई गला रही है । बीजेपी तभी जिन्दा होगी जब संघ इसे राम मन्दिर सा टास्क देगा । क्या संघ देश की जनता की बात सुन रहा है अगर बीजेपी से जसवंत , सौरी , अडवाणी , मोदी , यसवंत , खंडूडी जैसे नेता निकाल दिए जायेगे तो इसमे बचेगा क्या । अब एक ही उपाय है -संघ श्री राम का नारा लगाये और कहे की जिन्हें यह पसंद नही है , वो बहार चले जाए -विस्वास मानिये भाजपा २ से ३०२ पहुच जायेगी ।

मंगलवार, 18 अगस्त 2009

जसवंत की जिन्ना जयकार

जसवंत सिंह ने जिन्ना की जय कार कर एक बार फिर साबित कर दिया है की वे भी तुस्टीकरण की राजनीती में विस्वास रखते है । इस देश के नेता वोट के लिए देश को कहा ले जाकर छोडेगे , बताना मुस्किल है । जिन्ना को भाजपा नेताओ द्वारा बार-बार परिभाषित करने की कोसिस येही साबित करती है की अब उसे हिन्दुओ पर येकिन नही रह गया है।

सोमवार, 17 अगस्त 2009

६२ वर्ष में हिन्दुओ ने क्या खोया

१५ अगस्त , २००९ को भारत ने अपनी आज़ादी के ६२ वर्ष पुरे कर लिए। मौके पर समीक्षा की जा रही है की देश ने अब तक क्या हासिल किया। मै यह मानता हूँ की हिन्दुओ ने इन वर्षो में क्या खोया-क्या पाया इसकी समीक्षा होनी चाहिये ।

सोमवार, 3 अगस्त 2009

कांग्रेस कंपनी बताये - कहा है हिंदू आतंकबाद

सच केवल सच होता है । उसे दबाया, जुठ्लाया तो जा सकता है पर रोका नही जा सकता । मुंबई की अदालत ने साध्वी प्रज्ञा सिंग ठाकुर और कर्नल पुरोहित से मकोका हटाने को कहा है । इसके बाद अब यह साफ हो जाना चाहिये की कांग्रेस और उसके सहयोगी हिंदू आतंकबाद का झुटा परचार कर रहे थे । भारत में केवल और केवल इस्लामी आतंकबाद है जिसका करता धरता पाकिस्तान है । इस आतंकबाद का एकमात्र उद्देश भारत को टुकडो में बाटना है । इस्लामी आतंकबाद के प्रति कांग्रेस की हमदर्दी देश को डूबा देगी ।