रविवार, 30 अगस्त 2009

क्या हुआ भाजपा को

देश की राजनीती में बीजेपी के बारे में कहा जाता था की चाल, चरित्र और चिंतन की यह पार्टी है । येही वो पार्टी थी जिसके बारे में जनता को विस्वास था की वोट बैंक की राजनीती के दौर में यह हिंदू और हिंदुत्व की लौ जलाये रखेगी । पर अफ़सोस की आज इसके नेता गैंग वार में एक दुसरे को निबटाने में लगे है । जिन्ना की बेकार की बहस में पार्टी अपनी ताकत कुछ ऐसे जाया कर रही है, जैसे बंदर खजूर के पेड़ पर चढ़ने में करता है । देश राम मन्दिर, आतंकबाद , बांग्लादेसी घुसपैठी पर जानना चाहता है की वो क्या कर रही है । भाजपा का हर छोटा -बड़ा नेता ख़ुद को पार्टी से बड़ा बताने में लगा है , येही हाल रहा तो संघ को इसे -भाजपा -को बचाने के लिए आगे आना होगा । दरअसल , बीजेपी मुद्दों से भटक गई है और कांग्रेस की कार्बन कॉपी बनने में अपनी कमाई गला रही है । बीजेपी तभी जिन्दा होगी जब संघ इसे राम मन्दिर सा टास्क देगा । क्या संघ देश की जनता की बात सुन रहा है अगर बीजेपी से जसवंत , सौरी , अडवाणी , मोदी , यसवंत , खंडूडी जैसे नेता निकाल दिए जायेगे तो इसमे बचेगा क्या । अब एक ही उपाय है -संघ श्री राम का नारा लगाये और कहे की जिन्हें यह पसंद नही है , वो बहार चले जाए -विस्वास मानिये भाजपा २ से ३०२ पहुच जायेगी ।

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