जसवंत सिंह ने जिन्ना की जय कार कर एक बार फिर साबित कर दिया है की वे भी तुस्टीकरण की राजनीती में विस्वास रखते है । इस देश के नेता वोट के लिए देश को कहा ले जाकर छोडेगे , बताना मुस्किल है । जिन्ना को भाजपा नेताओ द्वारा बार-बार परिभाषित करने की कोसिस येही साबित करती है की अब उसे हिन्दुओ पर येकिन नही रह गया है।
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