बुधवार, 29 अप्रैल 2009

क्या मोदी बीमारी है

सोते मोदी , जागते मोदी । हर भासन में मोदी । क्या मोदी बीमारी बन गए है भारत के लोक तंत्र के लिए । क्या मोदी से भारत के नेता इतने डर गए है की उनकी हर बात मोदी से शुरू हो कर मोदी पर ही ख़त्म हो रही है । लालू , मुलायम , पासवान जैसे कई नेता इसके उदहारण है । हद तो यह है की कोर्ट भी मोदी फोबिया से ग्रस्त है

शनिवार, 25 अप्रैल 2009

अगली बारी मोदी तुम्हारी

अब जबकि भाजपा ने मान लिया है की पार्टी में अडवाणी के बाद नरेन्द्र भाई मोदी देश के परधानमंत्री पद के मजबूत उम्मीदवार है , यह कहा जा सकता की मेहनत का फल उन्हें मिल गया है । उन्हें उस मेहनत का फल मिला , जो उन्होंने हिंदुत्व की रक्षा में लगाई थी । गुजरात को विकास के मामले में जिस तरह से उन्होंने सबसे ऊपर पहुचाया उसके कारन देश के टॉप उद्दोगपति पहले ही उनका समर्थन कर चुके है । सबसे बड़ी बात यह है की मोदी सच को सच कहते है , जो भारत का कोई नेता नही कहता है । विरोधी कहते है की मोदी ने गुजरात में दंगे कराये , मै उनसे पूछता हूँ की अगर मोदी दोसी है तो उनकी लोकप्रियता का ग्राफ क्यों बढ़ता जा रहा है । गुजरात के दंगे मोदी ने नही बल्कि गोधरा में रामसेवाको को मुस्लिमो द्वारा जिन्दा जलने की घटना ने कराये थे । जिसने भी इस सचाई को मन आज वो मोदी जी का फेन है । बहरहाल मोदी को उत्तराधिकारी घोषित किया जाना एक क्रन्तिकारी कदम है । मोदी जहा भी है , उन्हें बधाई ।

गुरुवार, 23 अप्रैल 2009

बधाई हो वरुण स्टार बन गए


वरुण गाँधी को भाजपा ने अपना नया स्टार मान लिया है । अब पार्टी उन्हें यूपी के चुनाव परचार में भेजेगी । हिन्दुओ के पक्ष में बात कहने पर जिस तरह से उनको निशाना बनाया गया , यह उसी दिन तय हो गया था की वरुण का नया राजनितिक जीवन शुरू होगा । वरुण हिंदुत्व के नए सितारा है । उनसे देश को उम्मीद है की वो हिंदुत्व को नई दिशा और पहचान देंगे । यूपी में भाजपा को वरुण जैसे युवाओ की सख्त जरुरत है । जरुरत इस लिहाज से है की नरेन्द्र मोदी के बाद कोई बड़ा नेता नही दिख रहा है , जो हिन्दुओ और हिंदुत्व की रक्षा में आगे आए ,

बुधवार, 22 अप्रैल 2009

आतंकबाद का विरोध करनेवालों को ही वोट दे

मुझसे एक पत्रकार मित्र ने पूछा की इन लोक सभा चुनावो में सबसे बड़ा मुद्दा क्या है , तो मैंने कहा की निश्चित रूप से आतंकबाद । उसने कहा की आप ये कैसे कह रहे है । मैंने जवाब दिया की यह मुद्दा रोजी-रोटी से भी बढ़ कर है , पिछले दो वरसों में देश ने मुंबई सहित कई आतंकबादी घटनाय देखी है -जब देश वेवश दिखा है । रही - सही कसर तालिबान की बढती सकती ने पुरी कर दी है । आज भारत में आपको थोडी सी मेहनत से रोटी, कपड़ा , मकान (किराये का ही सही ) मिलने की गारंटी है । लेकिन आपकी जान ट्रेन से लेकर किसी बाज़ार में हुए बम बिस्फोट में कब चली जायेगी , यह कोई नही बता सकता है । लोग डर के माहौल में जी रहे है । लिहाजा आतंकबाद बड़ा मुद्दा है ही ।

रविवार, 19 अप्रैल 2009

चुनावो के समय बाबरी का भूत


लोक सभा चुनावो के समय बाबरी का भूत एक बार फिर बहार आ गया है । इस बार मुस्लिम वोटो के लिए लालू यादव ने मुह खोला है । उनका कहना है की कांग्रेस ने बाबरी मस्जिद को बचाने के लिए कुछ भी नही किया था , इसलिए वो बाबरी विदवंस की दोसी है । जाहिर है लालू का यह नया पैतरा मुसलमानों का सबसे बड़ा हितैसी बनने / दिखाने के लिए दी गई है । बिहार के मुस्लमान लालू का साथ छोड़ चुके है , जिससे उनमे गुस्सा है । पियम मनमोहन सिंह कह रहे है की अडवाणी कमजोर है , बाबरी विदवंस के दिन डर से वो रो रहे थे । कांग्रेस मुलायम से पूछ रही है की मौलाना मुलायम और भगवा कल्याण एक साथ कैसे रह रहे है ।

इन सब के बिच कोई दल यह कहने का साहस नही दिखा पा रहा है की कथित बाबरी मस्जिद कभी राम मन्दिर थी जिसे मुसलमानों ने तोड़ दिया था । कोई यह बताने को तैयार नही है की की राम मन्दिर कब तक बनेगा । देश की ८० परसेंट हिंदू जनता को कब सम्मान मिलेगा । मुस्लमान यह जान ले की बाबरी और भाजपा का डर दिखा कर उनसे केवल वोट लिया जाता है । एक बार वे मन्दिर बनवाने को सहमत हो जाए तो मुसलमानों के नाम पर चलनेवाली हजारो दुकाने बंद हो जायेगी । ऐसे में मुस्लमान सोचे की उन्हें दुकानदारी के नाम पर सोसन चाहिये या एक बेहतर भविष्य ।

गुरुवार, 16 अप्रैल 2009

वरुण का जेल से बहार निकलना



गुरुवार की साम कोर्ट के आदेश के बाद वरुण को जेल से बाहर निकलने का मौका मिल गया । वरुण के बाहर निकलने के समय जुटी भीड़ ने यह संकेत दे दिया है की उत्तर प्रदेश में वरुण भाजपा के भविष्य हो सकते है । कोर्ट के फैसले से यह साफ हो गया है की मायावती ने राजनीती के तहत वरुण पर रासुका लगाया थाइस मामले में लालू यादव का यह कहना की मैंने वरुण पर जो बयान दिया था , उसका मुझे दुःख नही है। ज़ाहिर है लालू मुस्लिम वोटो के लिए हर सीमा क्रॉस कर रहे है , लिहाजा रासुका लालू पर लगना चाहिये। भाजपा को वरुण के रूप में नया मोदी गुजरात वाला नरेन्द्र मोदी मिला है (बिहार वाला सुसील कुमार मोदी नही ) । सो उत्तर प्रदेश में अपनी खोई ताकत बापस पाने के लिए भाजपा को वरुण के हटो को मजबूत करना चाहिये ।


मंगलवार, 14 अप्रैल 2009

नीतिश कुमार की सेकुलर कफ़न ओढ़ने की कोशिस

एक टीवी चैनल के पत्रकार ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार से पूछा की बिहार में चुनाव परचार में नरेन्द्र मोदी को क्यों नही बुलाया जा रहा, जबकि वे भाजपा के स्टार परचारक है । नीतिश ने कहा की बिहार में मोदी की जरुरत नही है । नीतिश की जरुरत क्यों नही है , यह बताने के बजाय नीतिश ने कहा की बिहार भाजपा के लोग सक्षम है । यह जानी हुई बात है की नरेन्द्र मोदी को नीतिश देखना नही चाहते है । विधानसभा चुनाव के समय भी नीतिश की मर्ज़ी पर मोदी का प्रोग्राम कैंसल कर दिया गया था । नीतिश को यह खुल कर बताना चाहिये की नरेन्द्र मोदी से उनको दिक्कत क्या है । नीतिश विकास -विकास गला फाड़ कर चिल्ला रहे है , पर मोदी के विकास के आगे उनकी उपलब्धि १० परसेंट ही है । मोदी देश के बेस्ट सीएम है तो नीतिश सेकुलर कम्बल ओढ़ कर राज करनेवाले सेकुलर नेता । मै ऐसा इस लिए कह रहा हूँ की बिहार में नीतिश की पार्टी की अकेले की सत्ता नही है , यहाँ वो भाजपा के सहयोग से सासन कर रहे है । लादेन के फोटोकॉपी गुलाम रसूल बल्यावी को नीतिश ने सेकुलर फितूर में ही अपनी पार्टी में सामिल कराया । कोसी की बाढ़ के समय भी राज्य सरकार ने मुसलमानों पर कुछ जायदा ही मेहरबानी दिखाई थी । यह सब कर के नीतिश यह सोचते है की लोक सभा चुनाव में जायदा सीटे पाने में कामयाब रहेंगे तो उनका सोचना ग़लत है क्योंकि १९९९ के लोक सभा चुनाव में इन ताम-झाम के बिना जेडीयू को यहाँ की जनता ने वाजपेयी के नाम् पर उम्मीद से जायदा सीटे दी थी । शर्म की बात यह है की बिहार में विकाश मुद्दा बनने के बाद तुस्टीकरण और मुस्लिम वोट की राजनीती फिर शरू हो गई है ।

मंगलवार, 7 अप्रैल 2009

शर्मनाक : लालू रोलर चलवायेगे वरुण पर


बिहार के किसनगंज लोक सभा सीट के लिए चुनाव परचार करने गए लालू यादव सभा में हजारो मुसलमानों को देख कर पागल हो गए और लगे हाथ घोसना कर दी की पीलीभीत में हिन्दुओ के समर्थन में बयान देनेवाले वरुण गाँधी पर वे रोलर चलवा देते । ज़ाहिर है ऐसा कर लालू ने मुसलमानों को यह जताने की कोसिस की कि केवल वे ही मुसलमानों के हित में सोचते है ।
पीलीभीत से भाजपा के उम्मीदवार वरुण गाँधी ने एक चुनावी सभा में कहा था की कसम गीता की हिन्दुओ की तरफ बढ़नेवाले ग़लत हाथ को काट कर रख दूंगा । उनका इतना कहना था की हंगामा मच गया । कांग्रेस सहित देश के सेकुलर कहे जानेवाले लोग विधवा विलाप करने लगे । अब जब लालू ने राजनितिक नंगई कि सीमा पार कर दी है , देश कि जनता को यह तय करना चाहिये कि रोलर वरुण पार चलना चाहिये या फिर लालू पर । वरुण ने हिन्दुओ के हित कि बात कही थी , अगर हिन्दुओ के विरोध में मुसलमानों के हाथ उठते है तो इसमे वरुण कि गलती नही है । देश के वोटरों के पास बेहतर मौका है कि वे मुस्लिम वोट कि राजनीती कर के देश को बर्बादी कि ओर ले जानेवाले लालू , मुलायम जैसे नेताओ को रेस से ही बाहर कर दे ।