मंगलवार, 14 अप्रैल 2009
नीतिश कुमार की सेकुलर कफ़न ओढ़ने की कोशिस
एक टीवी चैनल के पत्रकार ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार से पूछा की बिहार में चुनाव परचार में नरेन्द्र मोदी को क्यों नही बुलाया जा रहा, जबकि वे भाजपा के स्टार परचारक है । नीतिश ने कहा की बिहार में मोदी की जरुरत नही है । नीतिश की जरुरत क्यों नही है , यह बताने के बजाय नीतिश ने कहा की बिहार भाजपा के लोग सक्षम है । यह जानी हुई बात है की नरेन्द्र मोदी को नीतिश देखना नही चाहते है । विधानसभा चुनाव के समय भी नीतिश की मर्ज़ी पर मोदी का प्रोग्राम कैंसल कर दिया गया था । नीतिश को यह खुल कर बताना चाहिये की नरेन्द्र मोदी से उनको दिक्कत क्या है । नीतिश विकास -विकास गला फाड़ कर चिल्ला रहे है , पर मोदी के विकास के आगे उनकी उपलब्धि १० परसेंट ही है । मोदी देश के बेस्ट सीएम है तो नीतिश सेकुलर कम्बल ओढ़ कर राज करनेवाले सेकुलर नेता । मै ऐसा इस लिए कह रहा हूँ की बिहार में नीतिश की पार्टी की अकेले की सत्ता नही है , यहाँ वो भाजपा के सहयोग से सासन कर रहे है । लादेन के फोटोकॉपी गुलाम रसूल बल्यावी को नीतिश ने सेकुलर फितूर में ही अपनी पार्टी में सामिल कराया । कोसी की बाढ़ के समय भी राज्य सरकार ने मुसलमानों पर कुछ जायदा ही मेहरबानी दिखाई थी । यह सब कर के नीतिश यह सोचते है की लोक सभा चुनाव में जायदा सीटे पाने में कामयाब रहेंगे तो उनका सोचना ग़लत है क्योंकि १९९९ के लोक सभा चुनाव में इन ताम-झाम के बिना जेडीयू को यहाँ की जनता ने वाजपेयी के नाम् पर उम्मीद से जायदा सीटे दी थी । शर्म की बात यह है की बिहार में विकाश मुद्दा बनने के बाद तुस्टीकरण और मुस्लिम वोट की राजनीती फिर शरू हो गई है ।
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