बुधवार, 28 अक्तूबर 2009

भाजपा को राम बचाये


कुछ भी कहने, सुनने से पहले इन खबरों पर गौर करे ।

भागवत की सलाह को राजनाथ ने पागल का सुझाव कहा

बयानबाजी का सिलसिला महाराष्ट्र, हरियाणा और अरुणाचल विधानसभा नतीजे आने के बाद शुरू हुआ। सबसे पहले शत्रुघ्न सिन्हा ने पार्टी को सर्जरी की जरूरत बताई। फिर मंगलवार को आरएसएस के मुखिया मोहन भागवत ने कीमोथेरेपी का सुझाव दे डाला। मुरली मनोहर जोशी ने पार्टी को बीमार बता दिया लेकिन आखिर में राजनाथ ने सबको चुप करा दिया। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि यह ऐसे आदमी की टिप्पणी है जिसके दिमाग ने काम करना बंद कर दिया है। संघ प्रमुख मोहन भागवत की कड़ी टिप्पणी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजेपी के मधुर रिश्तों में खटास पैदा कर दी है। भागवत ने कहा था, 'जहां तक बीजेपी की बात है तो जो भी ऑपरेशन, दवा, कीमोथेरेपी उनके लिए जो जरूरी है उसकी पहचान पार्टी खुद करेगी। राजनाथ इस टिप्पणी पर बुरी तरह उखड़ गए। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में शिकस्त के बाद पार्टी को ऐसी सलाह निश्चित तौर पर कोई ऐसा आदमी ही दे सकता है, जिसका दिमाग ठिकाने पर नहीं है।

बीजेपी नेता ने आडवाणी की तुलना सड़े अचार से की

बीजेपी में विपक्ष के नेता लाल कृष्ण आडवाणी के खिलाफ चल रही मुहिम थमने का नाम नहीं ले रही है। एक-एक कर कई नेता उनके खिलाफ बयानबाजी कर चुके हैं। नया नाम है गोवा के पूर्व सीएम मनोहर पारिकर का। परिकर ने कहा है कि अचार का स्वाद तब अच्छा होता है जब उसे एक साल के लिए रखा जाता है, लेकिन उसे रखे-रखे अगर दो साल से ज्यादा हो जाएं तो वह सड़ जाता है और उसका स्वाद खराब हो जाता है। फिर उन्होंने सचिन तेंडुलकर का जिक्र करते हुए कहा कि भले ही वह कितनी भी सेंचुरी बना लें, लेकिन कभी न कभी तो उन्हें रुकना ही है। आडवाणी का भी कुछ ऐसा ही हाल है। उनका वक्त अब खत्म हो चुका है।

कांग्रेस की चुटकी, भाजपा कैंसर ग्रस्त है तो उसका इलाज ह

मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी यदि कैंसर से ग्रस्त है तो देश हित में उसके व्यापक इलाज की जरुरत है। यह टिप्पणी आज कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने भाजपा के संबंध में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के कथन पर की।
मीडिया रिपोटरे के अनुसार श्री भागवत ने कल जयपुर में भाजपा की मौजूदा हालात पर कहा था कि उसे अपना इलाज खुद करना है। भाजपा को ही तय करना है कि उसे सर्जरी चाहिए। कीमोथैरेपी चाहिए या मेडिसन। इस कथन की ओर ध्यान दिलाये जाने पर श्री ¨सघवी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि रिमोट कंट्रोल से भाजपा को चलाने वाले जब उसे कैंसर से ग्रस्त कह रहे हैं तो उसका इलाज होना चाहिए। उन्होंने चुटकी ली कि मुख्य विपक्षी दल यदि कैंसर ग्रस्त हो तो वातावरण प्रदूषित होगा। अत. बीमार को अलग करके उसका व्यापक इलाज किया जाना चाहिए।

[ इन खबरों के बाद कुछ बताने को सेश नही रह गया है । बीजेपी आपसी मर कट में उलझी है और कांग्रेस कोडे बरसा रही है । नतीजा क्या होगा , बताने की जरुरत नही है।]

सोमवार, 5 अक्तूबर 2009

यह कैसी भक्ति

दशहरा समाप्त हो गया और आने वाले दीपावली है। हिंदू समाज का सबसे बड़ा पर्व दीपावली है, दीपावली के लिए अब चारों ओर तैयारियां जोरों से आरंभ हो गई है। अपने-अपने घरों को चमकाने के पीछे लोगों का यह तर्क रहता है कि माता लक्ष्मी का घर में सदैव के लिए वास हो और वे धन-धान्य से घर को भर दें। शहरवासी अपने घर में रंग-रोगन तो अनिवार्य रूप से करते तो हैं । इसके साथ पूरे घर की साफ-सफाई भी इसी दौरान करते हैं। घर के सारे खराब सामान को बाहर फेंक उसके स्थान पर नया सामान लाया जाता है। इसी क्रम में रखे मेज के कपड़ों के अलावा दीवारों में लगे पोस्टरों को भी कूड़ा दान में फेंक दिया जाता है। घरों में भगवान की पोस्टर व पूजन स्थल के कपड़े होते है जिन्हें इस साफ-सफाई के दौरान कूड़ो में फेंक दिया जाता है। ऐसे में लोगों की आस्था पर खुद ब खुद सवाल उठ खड़े होते हैं कि वे एक देवी के स्वागत के लिए जहां अपने घर को नया बनाने की होड़ में लगे रहते हैं तो वहीं दूसरी ओर घर में पुराने हो चुके देवी-देवताओं के पोस्टर कचड़े के ढेर में फंेक रहे है।
इन कचरे के पास मवेशी अपना गोबर करते हैं, ऐसी जगहों पर हिंदू धर्म के देवी-देवताओं के प्रतिमूर्ति व वस्त्र पड़े रहना शहरवासियों की श्रद्धा को बता रहे हैं। ऐसी नहीं कि लोगों को इस बारे में जानकारी नहीं हैं पर वे इन्हें रद्दी व बेकार का सामान मानकर अन्य कबाड़ वस्तुओं की श्रेणी में ही गिनते हैं। बहुत कम लोग ऐसे हैं जो अपनी श्रद्धा का परिचय देते हैं और इन दैवीय वस्तुओं को पूरे भक्ति-भाव से विसर्जन करते हैं। धर्म व त्यौहारों के नाम भगवान की वस्तुओं क ो इधर-उधर फेंकने के इस कृत्य पर महर्षी स्कूल के वाईस प्रिंसपल अश्विनी सिंह कहते हैं कि देव का नाम तक पूजनीय होता है ऐसे में उनके पोस्टर व वस्त्रों के साथ इस प्रकार कृत्य वास्तव में हमारी संस्कृति व हमारी आस्था को कलंकित करता है।
< < यह रिपोर्ट मेरे द्वारा नही लिखी गई है । इसे मैंने दैनिक भास्कर से लिया है । इस अखबार की यह रिपोर्ट हमे सोचने को मजबूर करती है की हम क्या कर रहे है । रिपोर्ट के लिए दैनिक भास्कर को पुनः एक बार और धन्यवाद > >
बिग हिंदू