शुक्रवार, 16 अप्रैल 2010

गुजरात दंगे मामले में मास्टर स्ट्रोक

गुजरात सरकार ने शुक्रवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट को गोधरा कांड के बाद राज्य में हुए दंगों से जुड़े मुकदमों की सुनवाई पर रोक लगाने का कोई अधिकार नहीं है। राज्य सरकार ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल [एसआईटी] को भी पूर्व कांग्रेसी सांसद एहसान जाफरी की हत्या के मामले में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य अभियुक्तों को समन भेजने का अधिकार नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को दाखिल अपने ताजा हलफनामे में राज्य सरकार ने एनजीओ कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज करने की भी मांग की। राज्य सरकार ने कहा कि अपने राजनीतिक मकसद साधने के लिए ये लोग गवाहों को बरगला रहे हैं और एसआईटी पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। राज्य सरकार का यह हलफनामा सुप्रीम कोर्ट द्वारा 6 अप्रैल को सीतलवाड़ व अन्य की याचिका स्वीकार करते हुए उसे जारी किए गए नोटिस पर आया है। इस याचिका में सीतलवाड़ व अन्य ने राज्य में हो रही दंगा मामलों की सुनवाई पर रोक लगाने और सभी मामले जांच के लिए सीबीआई को सौंपने की मांग की गई थी। उन्होंने एसआईटी पर भी पक्षपातपूर्ण तरीके से काम करने का आरोप लगाया था।

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