मंगलवार, 6 अप्रैल 2010

अडवाणी जी अब राम को माफ़ कर दे

यह पोस्ट अशोक सिंघल की बात पर लिखा गया है । पाठक इसका निर्णय स्वयं करे की अडवाणी ने क्या किया ।
मंदिर आंदोलन को नुकसान पंहुचाया आडवानी ने
भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी पर राम मंदिर आंदोलन को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते हुए विश्व हिंदू परिषद ने आज कहा कि यदि उन्होंने 1989 में रथयात्रा नहीं निकाली होती तो अब तक अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो चुका होता। विहिप प्रमुख अशोक सिंघल ने यहां संवाददाताओं से कहा कि आडवाणी ने उस समय रथयात्रा निकाल कर एक गलत कदम उठाया था। यह रथयात्रा उन्होंने वोट बैंक की खातिर निकाली थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने केंद्र की तत्कालीन विश्वनाथ प्रताप सिंह सरकार से समर्थन वापस लेने का रास्ता तैयार करने के मकसद से रथयात्रा निकाली थी। सिंघल ने कहा कि आडवाणी यदि उस समय रथयात्रा नहीं निकालते तो सभी राजनीतिक दलों को बातचीत के जरिए इस मुद्दे पर मनाया जा सकता था। ऐसी स्थिति में अभी तक राम मंदिर का निर्माण हो गया होता।
भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी द्वारा अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए मुस्लिमों से सहयोग लेने के सुझाव के बारे में उन्होंने कहा कि गडकरी या भाजपा का इस मुद्दे से कोई लेना-देना नहीं है। भाजपा राम मंदिर के मुद्दे पर अपनी राजनीति नहीं करे। राम मंदिर आंदोलन साधु-संतों ने चलाया है और वही इस मामले में फैसला करेंगे।

दैनिक जागरण की रिपोर्ट पर आधारित

1 टिप्पणी:

बेनामी ने कहा…

मन्दिर बना के क्या करेगे?