छबीस नवम्बर को जब मुंबई पर अटैक हुआ तो भारत ने ताव में आकर १०० बयान दिए । लगा की इस बार भारत कुछ करवाई करेगा । लेकिन उस बात को बीते आज एक महीने हो गए है । भारत सरकार लिस्ट देने की करवाई से आगे नही बढ़ पाई है । ऐसे में सरकार को यह बताना चाहिये की बयान वीर नेता देश को कैसे सुरक्षा देंगे । लिस्ट को पाकिस्तान ने गुसलखाने के पेपर के रूप में इस्तेमाल कर फेक दिया और सरकार केवल बयान जारी करती रह गई । आतंकबाद के खिलाफ भारत कैसी लडाई लड़ रहा है , जिसमे ३० हज़ार से जायदा भारत के लोग मारे जा चुके है , जबकि दुश्मनो की संख्या १००० भी नही है । कैसी लडाई लड़ रहे है हम , यह शर्म से डूब मरने की बात है । हमारे देश के नेता या तो पाकिस्तान से हिसाब बराबर करे या कश्मीर को लौटाने की दिलासा देना बंद करे ।
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