सोमवार, 8 दिसंबर 2008
दिल्ली चुनावो में भाजपा की हार के मायने
दिल्ली चुनावो में भाजपा की हार हिंदुत्व की हार है । यह भाजपा के केन्द्रीय नेत्रित्व की भी हार है , जो आतंकबाद जैसे मुद्दे को जनता के सामने ठीक से नही रख सकी । लोकतंत्र में जनता मालिक होती है , इसमे कोई शक नही है । लेकिन मै दिल्ली के चुनाव परिणाम देख कर हैरान हूँ । ठीक है की शिला ने वहा कुछ काम किया है , लेकिन आतंकबादी अफजल की फाइल भी वोही दबा कर बैठे रही है , इसे किसी को बताने की जरुरत नही है । वहा के वोटरों ने आतंकबाद जैसे मुद्दे को कैसे इग्नौर किया , मुझे समझ में नही आ रहा है । वोह भी तब जब मुंबई (महारास्ट्र) में कांग्रेस की सरकार रहे हुए अब तक का सबसे बड़ा आतंकबादी हमला दिल्ली सहित देश ने देखा ।
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