बुधवार, 1 अक्तूबर 2008

फिर ग़लत राजनीती की भेट चढ़ गए हिंदू

गोधरा हिंदू रामसेवक जलाये गए । लेकिन जब मामले पर राजनीती सुरु हुई तो कहा गया की आग अन्दर से लगाई गई थी । इसके लिए एक जाली रिपोर्ट भी जारी कर दी गई । वो तो भला हो नानावटी रिपोर्ट का जिसने सच को सामने ला दिया । ओडिसा के कंधमाल में विहिप के लक्ष्मन नन्द की हत्या के बाद इसाई के खिलाफ दंगे भड़के तो कहा जा रहा है की साजिस के तहत इसाई को निशाना बनाया जा रहा है । यानि फिर ग़लत राजनीती की भेट चढ़ गए हिंदू । जिस तरह गोधरा कांड के बाद गुजरात में दंगे हुए , वैसे ही विहिप के लक्ष्मन नन्द की हत्या के बाद ओडिसा में दंगे हो रहे है । देश यह अच्छी तरह से जनता है की हिंदू हिंसा में विस्वास नही करते है , पर अस्तित्व पर सवाल उठने पर वो अपनी रक्षा कर के दिखा देते है । मीडिया गुजरात और कंधमाल की बात करे लेकिन गोधरा और लक्ष्मन नन्द की हत्या के साथ ।

1 टिप्पणी:

Vasudev ने कहा…

यह खे है धर्म की राजनीती का
मुझे आपके लेख अच्छे लगे
स्लेव कल्ट डॉट कॉम नामक वेबसाइट खुलासा करती है आसाराम के कई क्रिमिनल रेक्रोड्स का ! आसाराम संत वंत नहीं एक फ्रौडिया और अपराधिक चार्ज शीटर है ! धरम को इस्तेमाल कर धार्मिक लोगो को लूटना और अपनी फैक्ट्री में उनको कोल्हू के बैल की तरह वर्षो काम करना यह