लोक सभा चुनावो के समय बाबरी का भूत एक बार फिर बहार आ गया है । इस बार मुस्लिम वोटो के लिए लालू यादव ने मुह खोला है । उनका कहना है की कांग्रेस ने बाबरी मस्जिद को बचाने के लिए कुछ भी नही किया था , इसलिए वो बाबरी विदवंस की दोसी है । जाहिर है लालू का यह नया पैतरा मुसलमानों का सबसे बड़ा हितैसी बनने / दिखाने के लिए दी गई है । बिहार के मुस्लमान लालू का साथ छोड़ चुके है , जिससे उनमे गुस्सा है । पियम मनमोहन सिंह कह रहे है की अडवाणी कमजोर है , बाबरी विदवंस के दिन डर से वो रो रहे थे । कांग्रेस मुलायम से पूछ रही है की मौलाना मुलायम और भगवा कल्याण एक साथ कैसे रह रहे है ।
इन सब के बिच कोई दल यह कहने का साहस नही दिखा पा रहा है की कथित बाबरी मस्जिद कभी राम मन्दिर थी जिसे मुसलमानों ने तोड़ दिया था । कोई यह बताने को तैयार नही है की की राम मन्दिर कब तक बनेगा । देश की ८० परसेंट हिंदू जनता को कब सम्मान मिलेगा । मुस्लमान यह जान ले की बाबरी और भाजपा का डर दिखा कर उनसे केवल वोट लिया जाता है । एक बार वे मन्दिर बनवाने को सहमत हो जाए तो मुसलमानों के नाम पर चलनेवाली हजारो दुकाने बंद हो जायेगी । ऐसे में मुस्लमान सोचे की उन्हें दुकानदारी के नाम पर सोसन चाहिये या एक बेहतर भविष्य ।
1 टिप्पणी:
यह पब्लिक है सब जानती है।
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