गुरुवार, 29 जनवरी 2009

इस्राइल की निंदा क्यों की

संघर्ष विराम ख़त्म होने के बाद इस्राइल ने फलिस्तीन के आतंकबादी कैम्पों पर हमला शुरू किया । इस घटना में करीब १००० आतंकबादी और उनके समर्थक मरे गए । देखा जाए तो यह घटना आतंकबाद के खिलाफ युद्ध थी , पर भारत सरकार ने इसकी निंदा कर दी । ये घटना बताती है की मुस्लिम वोट के लिए हमारे नेता कितना निचे गिर सकते है । इस्राइल हमारा स्वाभाविक सहयोगी है और वोह भी आतंकबाद झेल रहा है । ऐसे में हमे उसका साथ देना चाहिये न की विरोध करना चाहिये ।

1 टिप्पणी:

pradeep mali ने कहा…

नीति विरूद्ध चलना तो हमारे तुष्टिकारक नेताओं का परम कर्तव्य बन गया है देश का कुछ भी हो लेकिन ये तुस्टीकरण का कोई मोका छोड़ना नही चाहते है.