शनिवार, 30 अगस्त 2008

कंधमाल से उठते सवाल


कंधमाल मे विहिप के लक्षमनानंद की हत्या के बाद ओडिसा जल रहा है । इस घटना के बाद धरमांतरण के विरोध मे लोगो का विरोध सड़क पर दिख रहा है । किंतु मीडिया फिर वही कहानी बता रही है की इसाई लोगो को निशाना बनाया जा रहा है । मीडिया का रोल कुछ वैसा ही है जैसा गोधरा के समय था । यह सही है की कंधमाल मे दंगो जैसे स्तीथि है लेकिन कोई यह नही बता रहा है की आखिर स्तीथि क्यो बनी । यह कोई बताने की बात नही है की भारत मे धरमांतरण कैसे कराया जाता है । अपढ़ लोगो को रिश्वत देकर , उन्हें सब्जबाग दिखा कर इसाई बना दिया जाता है । स्तीथि ऐसे कर दी जाती है की सामाजिक सतुलन बिगड़ जाता है । येही वो कारन है की जो दंगो की भूमिका बनाता है । दुःख तो इस बात का है की मीडिया कंधमाल को ऐसे पेश कर रही की हिन्दुओं द्वारा इसाई को तंग तबाह किया जा रहा है । लक्षमनानंद की हत्या मे इसाई के हाथ होने की बात कही जा रही है । बेहतर होता की मीडिया धरमांतरण के मुदे को भी केंद्र में रख कर कंधमाल का सच दिखाती । ऐसा मै इस लिए लिख रहा हूँ की मै ख़ुद मीडिया मे हूँ और ऐसे ख़बरों के साथ क्या- क्या होता है , मै बेहतर जनता हूँ । कंधमाल दिखाए मगर सच के साथ ।

1 टिप्पणी:

shan e awadh ने कहा…
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