बुधवार, 18 अगस्त 2010

सचमुच, यह भारत में ही हो सकता है

'भोपाल पर और हर्जाना भूल जाओ'
अमेरिका ने भारत को एक तरह से धमकाते हुए संकेत दिया है कि अगर उसने भोपाल गैस त्रासदी के लिए अमेरिकी कंपनी डाउ केमिकल से ज्यादा हर्जाना वसूलने की जिद नहीं छोड़ी तो दोनों देशों के रिश्ते पर असर पड़ सकता है। यह बात एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहलूवालिया को भेजे एक ईमेल में कही है। समाचार चैनल टाइम्स नाउ के मुताबिक अमेरिका के डेप्युटी नैशनल सिक्युरिटी अडवाइजर फ्रोमैन माइकल ने आहलूवालिया को भेजे हाल के एक ईमेल में कहा है,'हम यहां अमेरिका में डाउ केमिकल मुद्दे को लेकर काफी हो-हल्ला देख रहे हैं। इस मामले की सभी बारीकियां तो पता नहीं हैं, पर मैं समझता हूं हम लोग ऐसी स्थितियों से बचना चाहते हैं जिनका हमारे निवेश संबंधों पर बुरा असर पड़ेगा।' फ्रोमैन ने यह ईमेल आहलूवालिया के उस मेल के जवाब में भेजा है जिसमें उन्होंने वर्ल्ड बैंक से आसान शर्तों वाले लोन जारी रखने में अमेरिकी सहायता का अनुरोध किया था। इस ईमेल के बारे में पूछे जाने पर आहलूवालिया ने कहा कि वह 'ऐसे किसी भी मामले पर अमेरिका के साथ चर्चा नहीं चला रहे जो अदालत के अधीन है।' जब उनसे पूछा गया कि क्या अमेरिका की तरफ से भोपाल गैस मामले में थोड़ा धीरे चलने का दबाव है, तो उन्होंने कहा, मैं इन ईमेल को दबाव बिल्कुल नहीं मानता।

1 टिप्पणी:

Udan Tashtari ने कहा…

माने न माने...दबाव तो है ही.