बुधवार, 20 मई 2009
... क्योंकि मोदी के खानदान में कोई प्रधानमंत्री नही है
१५ वी लोकसभा चुनावो के परिणाम आते ही मीडिया ने राहुल गुणगान सुरु कर दिया । कहा जाने लगा की राहुल बाबा जहा-जहा गए उनमे अधिकतर जगह जीत हासिल हुई , वही नरेन्द्र मोदी जहा -जहा गए भाजपा को हार मिली । मै कहता हूँ की ऐसा कहनेवाले चमचागिरी कर रहे है । कांगेरेस को जीत उसकी नीतियो की वजह से मिली है न की राहुल की । ऐसा होता तो यूपी की सभी सीटे सहित ५४३ सीटे कांग्रेस के पास होती । कांग्रेस १५० का आकडा बस इस लिए पर कर पाई क्योंकि वेस्ट बंगाल और साउथ इंडिया में उसे भारी सफलता मिली । मै क्या पुरा देश यह जानना चाहता हूँ की राहुल ने वेस्ट बंगाल और साउथ इंडिया में कितने महीने मेहनत की और उन इलाको में वे कितने दिन रहे । राहुल की सभाओ में लोग इस लिए आते है की उनके पुरखे भारत के प्रधानमंत्री रह चुके है। लोग उनमे राजीव गाँधी देखने आते है, जबकि नरेन्द्र मोदी की सभा में जानेवाला हिंदुत्व के रक्षक को देखने जाता है ।
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1 टिप्पणी:
मुझे यह समझ में नहीं आता कि ये लोग राजनीति कर रहे थे या महज़ हिन्दुत्व की रक्षा?
आपने तो ऐसे लिखा है जैसे जनता नरेन्द्र मोदी नामक नए प्रगट हुए भगवान के दर्शन करने जाया करती थी. अगर वाकई ऐसा है तो कोई अफसोस नहीं होना चाहिये. इन्हें धर्म की रक्षा करने दो और उन्हें सरकार चलाने दो. वैसे भी, जो इतना महान काम करने निकले हैं वे सरकार चलाने जैसे छोटे काम में वक़्त क्यों बर्बाद करें?
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