भारत में इस्लामिक आतंकवाद फिर सिर उठा रहा है । जम्मू के आतंकबादी हमले इसकी पुष्टि करते है । बुधवार 28अगस्त को हुए हमले ने यह साफ कर दिया है की जम्मू की अशांति का आतंकबादी फायदा उठा रहे है । घाटी की हालत पाकिस्तान के सुभचिंतको के लिए मुफीद साबित हो रही है । तभी तो महबूबा मुफ्ती और फारुक अब्दुला ऐसे बयान दे रहे है मानो वो भारत के नही पाकिस्तान के नागरिक हो मुज्फराबाद मार्च के समय उन्की भूमिका देश द्रोही के सामान रही थी । महबूबा ने कहा था की पाकिस्तान का झंडा लहराया जाना जनता की परतीक्रिया थी । हमे शर्म आनी चाहिये की ऐसे लोगो को हम अपना नेता मानते है जिनके लिए भारत की कोई अहमियत ही नही है ।
2 टिप्पणियां:
sahi kaha har majhab ke logon ko jimmedaree se sochna aur bolna chhiye.
jisne bhi likha hai bilkul sahi likha hai bareilly mai hue dango mai bhi kuch neto nai pakistan kai ghande lahrai thi
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