शनिवार, 12 सितंबर 2009

तो यह करे बीजेपी-3

पिछले १० वर्षो में बीजेपी ने अपने से वैसे कार्यकर्ताओ और नेताओ को दूर किया है , जिनकी एक हुंकार से जनता खिची चली आती थी । ऐसे नेताओ में कल्याण सिंह, उमा भरती, साध्वी ऋतंभरा, गोविन्दाचार्य आदि नेता शामिल है । अयौध्या आन्दोलन में कोई कितनी भी अपनी पीठ ठोके , पर अगर कल्याण न होते तो मुह के शेर कुछ भी नही कर सकते थे । इसी प्रकार भाजपा ने मुरली मनोहर जोशी , साहिब सिंह वर्मा जैसे समर्पित नेताओ को किनारे लगाया । इन कुकर्मो में बीजेपी के कौन-कौन नेता शामिल थे , अब शायद बताने की जरुरत नही है । टीवी ब्रांड और प्रादेशिक नेता वैंकया नायडू , राजनाथ सिंह , अरुण जेटली, कलराज मिश्रा , राजीव रूडी , सुशील कुमार मोदी आदि से भाजपा को कुछ भी फ़ायदा नही हुआ है । चाल, चरित्र और चिंतन की बात करने वाली पार्टी में आवारा और वाहियात नेताओ का कब्जा हो गया है । जनता की ओर से मसेज साफ है या तो लिफाफाबाजो को किनारा करो या फिर गर्त में मिलने को टायर हो जाओ । भाजपा नेताओ को आगे बढाये न की जुबान की खेती करनेवालों को ।

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