भाजपा लोकसभा चुनावो के बाद सुन्यता से भर गई है । उसका हर नेता महान बनने की कोसिस में जुटा है । आश्चर्य की बात यह है की पार्टी के नेता कुर्सी के मोह में नरक तक डूब गए है ।
लिफाफबाजो की हर गलती
ऐसे माफ़ की जा रही है , जैसे इन्ही लोगो ने पार्टी को २ से १८२ तक पहुचाया था । भाजपा आम जनता से कट चुकी है और कांगेस की कार्बन कॉपी बनती जा रही है ।
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